हम सभी के अंदर परमात्म सत्ता का अनुभव हो जिससे परस्पर आत्मीयता का भाव आचरण में आ सके यही दृष्टिकोण रखकर और मन को शुद्ध करके परमपिता परमात्मा की प्रेरणा व असीम कृपा से आलोकित अखिल भारतीय श्रीमाली महासभा की स्थापना माघ कृष्ण पक्ष 10 संवत 2063 विक्रम तद्नुसार 14 जनवरी 2007 दिन रविवार को प्रातः 10:00 बजे मान्यवर बृजेंद्र कुमार श्रीमाली जी के निवास 3/22 सेनापति फर्रुखाबाद उ०प्र० में राष्ट्रीय संयोजक श्रीमान प्यारेलाल जी श्रीमाली के संयोजन में हुई ।
चार माह पश्चात् धार्मिक नगरी काशी (वाराणसी) में इसका विधि सम्मत पंजीकरण हुआ । अखिल भारतीय श्रीमाली महासभा की पंजीकरण संख्या - 292/ 2007-2008 दिनांक 31-05 - 2007 है ।